अनुभूति
मैं बचपन से ही अंतर्मुखी व्यक्तित्व की हूँ,पर अंतर में चलने वाले विचारों को जब किसी से न कह पाती तो कागज कलम,या रंगों और ब्रुश कैनवास का सहारा लिया।मैंने लिखना और चित्रकला को माध्यम बनाया, और भावनाओं को शब्दों में उकेरा। कभी रंगों की दुनिया में डूबकर आकृति उकेरने लगी। मेरे पिताजी ने मुझे समझा और न केवल हिन्दी साहित्य बल्कि चित्रकला में प्रोत्साहित किया, और डिग्री भी दिलवाई। वक्त के साथ मनोंभावो को लिखती रही, कभी कविता, लेख, कहानी के रूप में। मौका मिला और मैंने पिताजी के जीवन पर एक पुस्तक लिखी "बेटी की क़लम से पिता का जीवन" जो हाल ही में प्रकाशित हुई है। मेरे दो और काव्य संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं-"जीवन गाथा एक संघर्ष" और दूसरा-"जीवन तरंग" और तीसरी पुस्तक "एक बेटी की क़लम से पिता का जीवन" एक जीवनी है । ये काव्य संग्रह "अनुभूति भावों की" मेरी चौथी पुस्तक है। मुझे अपने आस-पास से ही विषयवस्तु मिलती गयी और मैंने शब्दों में पिरो दिया। नारी, प्रकृति, समाज, राजनीति सभी को स्थापित किया है। तत्कालीन महामारी समस्या को भी शब्दों में बयाँ करने का प्रयास किया है। सभी से आग्रह है एक बार पढ़कर देखे, उम्मीद है पुस्तक पसंद आयेगी। अनिता शर्मा झाँसी
1144377380
अनुभूति
मैं बचपन से ही अंतर्मुखी व्यक्तित्व की हूँ,पर अंतर में चलने वाले विचारों को जब किसी से न कह पाती तो कागज कलम,या रंगों और ब्रुश कैनवास का सहारा लिया।मैंने लिखना और चित्रकला को माध्यम बनाया, और भावनाओं को शब्दों में उकेरा। कभी रंगों की दुनिया में डूबकर आकृति उकेरने लगी। मेरे पिताजी ने मुझे समझा और न केवल हिन्दी साहित्य बल्कि चित्रकला में प्रोत्साहित किया, और डिग्री भी दिलवाई। वक्त के साथ मनोंभावो को लिखती रही, कभी कविता, लेख, कहानी के रूप में। मौका मिला और मैंने पिताजी के जीवन पर एक पुस्तक लिखी "बेटी की क़लम से पिता का जीवन" जो हाल ही में प्रकाशित हुई है। मेरे दो और काव्य संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं-"जीवन गाथा एक संघर्ष" और दूसरा-"जीवन तरंग" और तीसरी पुस्तक "एक बेटी की क़लम से पिता का जीवन" एक जीवनी है । ये काव्य संग्रह "अनुभूति भावों की" मेरी चौथी पुस्तक है। मुझे अपने आस-पास से ही विषयवस्तु मिलती गयी और मैंने शब्दों में पिरो दिया। नारी, प्रकृति, समाज, राजनीति सभी को स्थापित किया है। तत्कालीन महामारी समस्या को भी शब्दों में बयाँ करने का प्रयास किया है। सभी से आग्रह है एक बार पढ़कर देखे, उम्मीद है पुस्तक पसंद आयेगी। अनिता शर्मा झाँसी
10.99 In Stock
अनुभूति

अनुभूति

by अनीता शर्मा
अनुभूति

अनुभूति

by अनीता शर्मा

Paperback

$10.99 
  • SHIP THIS ITEM
    Qualifies for Free Shipping
  • PICK UP IN STORE

    Your local store may have stock of this item.

Related collections and offers


Overview

मैं बचपन से ही अंतर्मुखी व्यक्तित्व की हूँ,पर अंतर में चलने वाले विचारों को जब किसी से न कह पाती तो कागज कलम,या रंगों और ब्रुश कैनवास का सहारा लिया।मैंने लिखना और चित्रकला को माध्यम बनाया, और भावनाओं को शब्दों में उकेरा। कभी रंगों की दुनिया में डूबकर आकृति उकेरने लगी। मेरे पिताजी ने मुझे समझा और न केवल हिन्दी साहित्य बल्कि चित्रकला में प्रोत्साहित किया, और डिग्री भी दिलवाई। वक्त के साथ मनोंभावो को लिखती रही, कभी कविता, लेख, कहानी के रूप में। मौका मिला और मैंने पिताजी के जीवन पर एक पुस्तक लिखी "बेटी की क़लम से पिता का जीवन" जो हाल ही में प्रकाशित हुई है। मेरे दो और काव्य संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं-"जीवन गाथा एक संघर्ष" और दूसरा-"जीवन तरंग" और तीसरी पुस्तक "एक बेटी की क़लम से पिता का जीवन" एक जीवनी है । ये काव्य संग्रह "अनुभूति भावों की" मेरी चौथी पुस्तक है। मुझे अपने आस-पास से ही विषयवस्तु मिलती गयी और मैंने शब्दों में पिरो दिया। नारी, प्रकृति, समाज, राजनीति सभी को स्थापित किया है। तत्कालीन महामारी समस्या को भी शब्दों में बयाँ करने का प्रयास किया है। सभी से आग्रह है एक बार पढ़कर देखे, उम्मीद है पुस्तक पसंद आयेगी। अनिता शर्मा झाँसी

Product Details

ISBN-13: 9789386619860
Publisher: Redgrab Books Pvt Ltd
Publication date: 07/29/2021
Pages: 94
Product dimensions: 5.50(w) x 8.50(h) x 0.19(d)
Language: Hindi
From the B&N Reads Blog

Customer Reviews