वर्तमान तुष्टिकारी माहौल में यह पुस्तक एक आम आस्थावान भारतीय की व्यथा का दर्पण है और पाश्चात्य सभ्यता के अनुयायियों द्वारा सनातन के प्रतिमानों पर किये जा रहे अनवरत प्रहार के एवज़ में एक प्रत्युत्तर है। आज कल के सम्भ्रान्त , शिक्षित और प्रगतिशील युवा को अपनी भारतीय संस्कृति में सिर्फ़ खामियाँ दिखती हैं चाहे वह परम्परा हो ,जाति सह आजीविका हो , पहनावा हो या चिकित्सा पद्धति। यह प्रयास उन कच्ची निगाहों के लिये उहापोह का कुहरा खत्म करेगा ये आशा है।
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![Bas Yoo Heen !](http://img.images-bn.com/static/redesign/srcs/images/grey-box.png?v11.10.4)
Bas Yoo Heen !
76![Bas Yoo Heen !](http://img.images-bn.com/static/redesign/srcs/images/grey-box.png?v11.10.4)
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76Product Details
ISBN-13: | 9789354385018 |
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Publisher: | Pencil |
Publication date: | 04/06/2021 |
Sold by: | PUBLISHDRIVE KFT |
Format: | eBook |
Pages: | 76 |
File size: | 5 MB |
Language: | Hindi |