अधूरी एक ऐसी क़िताब है जिस में आपको कुछ ख्याल, बाते और आपबीती किसी कविता की तरह लिखीं मिलेगी। जहा तक मैने लिखा और पढ़ा है, मेरा ये दावा है की आप ने न तो ऐसा कुछ सुना होगा और ना ही देखा होगा। अगर आप मेरी लिखी बातों को अपने जहन में उतार लेते हैं, तो आप का स्वागत है मेरी दुनिया मै।
"मेरी जिंदगी का काफी समय बदलाव में गुजर गया। और ठीक वैसे ही एक बदलाव का चैनल ये किताबी दुनिया है। मेरा नाम रजनीश सहारण है, मै डेंटिस्ट बनने की ओर अग्रसर हु। मै वो लिखता हु जो शब्दो को जान देता है। लिखी बाते मीट नही सकती बस इसी लिए मैने एक कोशिश किसी को अपना मान कर की है।मै ये काम अकेला नहीं कर सकता बस इसी लिए कुछ दोस्तो की मदद ली है, और कुछ दोस्तो को तो ये बात मालूम भी नही है। फिर भी मैं उनका अहसान कभी नही भूलूंगा। कुछ यारे प्यारे लोग जैसे की अमित शर्मा (Siware Wale), हिमांशु मीना, ऋतिक, अमित राजपूत, चंदर कुमार नेहरा ( Bhaichara Canteen ) और अंतिम प्रियंका। मै इनमे कुछ और लोगो का भी वर्णन करूंगा, हा! हा! फ्रीक्वेंसी बमभोले और कुशी (खुशबू)। आप सभी का साथ देने के लिए बहुत बहुत आभार। प्रिया खडसे (Priya Ma'am) आप का योगदान भी कभी नही भूलूंगा, आप जैसे दोस्त बड़ी मुस्किल से मिलते है।"