आयेंगे बादल बदलाव के

आयेंगे बादल बदलाव के

by रमेश बिंदल
आयेंगे बादल बदलाव के

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by रमेश बिंदल

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Overview

मित्रवर रमेश बिंदल अपने पहले कविता-संग्रह ''बतियाती कविताएँ'' के बाद बहुत ही कम समय में, अपने नए कविता-संग्रह के साथ उपस्थित हैं। इस संग्रह की कविताएँ पढ़ते हुए, कवि की बतियाती कविताएँ बारम्बार याद आती हैं। बतियाती कविताओं की भावभूमि इन कविताओं में और विस्तृत हुई है। ये कविताएँ प्रकारान्तर से बतियाती कविताओं का एक्सटेंशन हैं। उन कविताओं की सहोदर भी, सहचर भी और उत्तरोत्तर विकास की उपलब्धि भी। रमेश जी का स्वास्थ्य प्राय: साथ नहीं देता। उम्र भी कम नहीं, व्यस्तताएँ भी घनेरी हैं पर कविता लिखना उनका व्यसन बन चुका है। कविता मानो उन पर देवी की तरह चढ़ी रहती है और उन्हें दिन-रात लिखते रहने के लिये प्रेरित करती है। एक बात यह भी, कि कोई कवि अपने मन को चाहकर भी कविताओं में पूरी तरह खोल नहीं पाता। यही हालत बिन्दल जी की भी है। अपने मन में घुमड़ती स्थितियों को लिखते हुए और लिखकर, उन्हें पूरा सन्तोष नहीं मिलता। यही लगता रहता है, कि जो कहना था, वह पूरी तरह व्यक्त नहीं हो पाया है। पूरी तरह व्यक्त हो पाने की कशिश और कोशिश में वे बारम्बार क़लम उठा लेते हैं।

Product Details

ISBN-13: 9789386619792
Publisher: Redgrab Books Pvt Ltd
Publication date: 07/29/2021
Pages: 98
Product dimensions: 5.50(w) x 8.50(h) x 0.20(d)
Language: Hindi
From the B&N Reads Blog

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