गुनो भई साधो

गुनो भई साधो

by डॉ.विवेक चौरसि
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गुनो भई साधो

by डॉ.विवेक चौरसि

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Overview

अख़बारों की भीड़ और सूचनाओं के सैलाब में 'प्रजातंत्र' ने पाठकों के बीच जो पृथक स्थान बनाया है, वह इसकी पाठ्य सामग्री व प्रस्तुति का ही प्रतिफल है। 'प्रजातंत्र' के दो सम्पादकीय पेज़ों के कंटेंट चयन में हमने पूरे प्राणपण से अपना कर्तव्य निर्वहन किया है। इसी का परिणाम है कि समसामयिक राजनीति, समाज, विज्ञान, इतिहास, पर्यावरण, लोक, कला, साहित्य, वाणिज्य और विदेशी सन्दर्भों पर केंद्रित इसके जो भी नियमित कॉलम हैं, वे सभी पाठकों ने हाथोंहाथ लिए है। इनके लेखक अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ और अपने विषय पर पकड़ बनाए रखने में सिद्ध हस्त हैं, अतः स्वाभाविक रूप से ये लेख सम्बंधित विषय के विस्तारपूर्वक विवेचन के साथ पाठकों की तद् सम्बन्धी जिज्ञासाओं का समाधान कर सके हैं और कर रहे हैं। इन्हीं लेखों में एक, प्रति मंगलवार प्रकाशित होने वाला धर्म संदर्भित कॉलम 'गुनो भई साधो' है, जिसने अपनी नियमितता और कथ्य से पाठकों का आशीष पाया है। पत्रकारिता के मेरे पुराने साथी और मित्र डॉ. विवेक चौरसिया बड़े मनोयोग से जनवरी 2020 से इसका नियमित लेखन कर रहे हैं। प्रिय विवेक जी पत्रकार होने के साथ प्रारम्भ से ही पौराणिक साहित्य के अध्येता हैं और पुराणों की कथाओं के सूत्र अपने ही तरह से पकड़कर सहज सरल तरीके से प्रस्तुत करते हैं। इन लेखों की खूबी यह है कि इनमें केवल कोरी कथा या धर्म केंद्रित नीरस ज्ञान नहीं है बल्कि आज के मनुष्य और समाज के लिए उपयोगी वे जीवन सूत्र हैं जो संघर्ष और सवालों के बीच समाधान के साथ दुर्लभ होती शांति को अपने कथ्य के माध्यम से सुलभ कराते हैं।

Product Details

ISBN-13: 9789386619754
Publisher: Redgrab Books Pvt Ltd
Publication date: 07/29/2021
Pages: 172
Product dimensions: 5.50(w) x 8.50(h) x 0.37(d)
Language: Hindi
From the B&N Reads Blog

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