शिक्षा मनोविज्ञान के आधुनिक शोधों एवं सिद्धांतों को समाहित करते हुए प्रस्तुत पुस्तक शिक्षक-प्रशिक्षु एवं शिक्षक प्रशिक्षकों के लिये एक महत्वपूर्ण कृति है। शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र में हिन्दी में उपलब्ध अन्य पुस्तकें आधुनिक शोधों एवं सिद्धांतों के साथ पर्याप्त निर्णय नहीं करती। प्रस्तुत पुस्तक इन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सफल प्रयास है। शिक्षा मनोविज्ञान के क्रमिक विकास, तथा छात्रों के विकास की अवस्थाओं की मनोवैज्ञानिक विशेषताओं की विस्तृत व्याख्या करते हुए ज्ञानात्मक एवं नैतिक विकास में पियाजे तथा कोल्हवर्ग के सिद्धातों की विवेचना के साथ-साथ बूनर के विचारों का यथोचित समावेश किया गया है। इसी प्रकार अभिप्रेरणा के क्षेत्र में मैसलो, आसबेल, फ्रायड, स्किनर, मैक्लीलैण्ड, एटकिन्सन, मरे, गोल्डस्टीन, मैक्ग्रीगोर, एल्डफर आदि मनोवैज्ञानिकों के शोधकार्यो एवं उनके शैक्षिक उपयोग की विस्तृत विवेचना करते हुए उपलब्धि एवं अभिप्रेरणा में सम्बन्ध स्थापित किया गया है। स्मृति, सूचनाप्रवाह-प्रक्रिया, व्यक्तित्व की वर्तमान विचारधारा एवं व्यक्तित्व विकास, तथा वैयक्तिक विभिन्नता हेतु शैक्षिक प्रबन्ध की व्यावहारिक रूपरेखा प्रस्तुत की गई है। संवेदना, प्रत्यक्षीकरण एवं अधिगम पर हुए शोध कार्यों के प्रस्तुतीकरण के साथ-साथ सम्बन्धित सिद्धातों का वर्णन करते हुए शिक्षण प्रक्रिया में उनके उपयोग के व्यावहारिक पक्षों को प्रस्तुत किया गया है। शिक्षा के केन्द्र बिन्दु शिक्षार्थी के सर्वांगीण विकास हेतु वांक्षित मनोवैज्ञानिक सूक्ष एवं शैक्षिक प्रयत्नों को समाहित करते हुए यह ग्रन्थ सभी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों, प्रशिक्षणार्थियों एवं प्रशिक्षकों के लिये अमूल्य निधि है।