'लेखक की प्रेमिका' एक उपन्यासिका है, जिसके माध्यम से रचनाकार युद्ध की विभीषिका से विश्व को बचाने का संदेश दिया है। अणु आयुधों और प्राकृतिक जगत के क्षरण के कारण आज विश्व पर ही नहीं, मनुष्य के अस्तित्व पर संकट है। क्या इससे बचा जा सकता है। पौराणिक प्रतीकों को नया नाम और नया सन्दर्भ देकर, लेखक ने अतीत को वर्तमान में प्रस्तुत किया है। कहानी छोटी है पर उसमें अनेक उपोद्घात और मोड़ हैं। धीरज की मान्यता है कि साहित्यकार ही वह शक्ति है, जो मानवता पर आये इस संकट से रक्षा कर सकता। 'लेखक की प्रेमिका' एक प्रतीकात्मक उपन्यास है जिसमें विचारों का संघर्ष, द्वन्द, टकराव, पीड़ा और मानव चरित्र के अनेक आयाम मिलते हैं। मेरा विश्वास है कि उनकी अन्य कृतियों की तरह इस कृति को भी समादर मिलेगा।