Meri 51 Shreshth Vyangy Rachnayen (मेरी 51 श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ)

Meri 51 Shreshth Vyangy Rachnayen (मेरी 51 श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ)

by 'Sanjay' Sanjeev Jaiswal
Meri 51 Shreshth Vyangy Rachnayen (मेरी 51 श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ)

Meri 51 Shreshth Vyangy Rachnayen (मेरी 51 श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ)

by 'Sanjay' Sanjeev Jaiswal

Paperback

$11.99 
  • SHIP THIS ITEM
    Qualifies for Free Shipping
  • PICK UP IN STORE
    Check Availability at Nearby Stores

Related collections and offers


Overview

20 कहानी संग्रह, 13 उपन्यास, 3 व्यंग्य संग्रह और 32 चित्र कथाऐं और प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में 1150 से अधिक कहानियां एवं व्यंग्य प्रकाशित ।
प्रमुख पुरस्कार
1. भारत सरकार का प्रतिष्ठित 'भारतेन्दु हरिशचन्द्र पुरस्कार' रिकार्ड दो बार (वर्ष 2005 एवं 2010)
2. उत्तर-प्रदेश हिंदी संस्थान का सूर - पुरस्कार (वर्ष 2005), पं. सोहन लाल द्विवेदी पुरस्कार (वर्ष 2010) तथा अमृत लाल नागर कथा सम्मान-2013
3. उत्तर-प्रदेश हिंदी संस्थान का दो लाख रूपये का 'बाल साहित्य - भारती' पुरस्कार - 2018
4. रेल मंत्रालय का प्रेमचंद पुरस्कार - 2015
5. शब्द निष्ठा सम्मान 2019
6. सी. बी. टी. द्वारा आयोजित अ. भा. लेखन प्रतियोगिता - 2016 में वैज्ञानिक उपन्यास 'रेडसन के एलियन' को प्रथम पुरस्कार
7. अखिल भारतीय स्तर की कई कहानी प्रतियोगिताओं में प्रथम पुरस्कार
8. यूनीसेफ और सी. बी. टी. द्वारा कई रचनाएं प्रकाशित व सम्मानित
9. रेडियो एवं टी.वी. पर कई कहानियां, नाटक एवं भेंटवार्ताएं प्रसारित
10. कई अन्य संस्थाओं द्वारा सम्मानित
अनुवाद
1. उपन्यास 'होगी जीत हमारी' का भारत सरकार द्वारा 15 भाषाओं में प्रकाशन
2. चित्र कथा 'वह हंस दिया' का विश्व की 148 भाषाओं में अनुवाद
3. पुस्तक 'चंदा गिनती भूल गया' का 15 भाषाओं में प्रकाशन ।
4. पुस्तक 'सूरज की गुस्सा', चंदामामा' और 'टूटा पंख' का 10 भाषाओं में प्रकाशन ।
5. उपन्यास 'डूबा हुआ किला' का 4 भाषाओं में अनुवाद
सम्प्रतिः पूर्व आई.आर.पी.एस. अधिकारी, आर. डी. एस. ओ (भारत सरकार)/ लखनऊ से निदेशक के पद से सेवानिवृत्ति ।


Product Details

ISBN-13: 9789356848030
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt Ltd
Publication date: 11/29/2023
Pages: 122
Product dimensions: 5.50(w) x 8.50(h) x 0.29(d)
Language: Hindi
Age Range: 13 - 18 Years
From the B&N Reads Blog

Customer Reviews