vijaya yatra

vijaya yatra

by ??. ?????? ????? ??? '?????
vijaya yatra

vijaya yatra

by ??. ?????? ????? ??? '?????

eBook

$4.99 

Available on Compatible NOOK devices, the free NOOK App and in My Digital Library.
WANT A NOOK?  Explore Now

Related collections and offers

LEND ME® See Details

Overview

यह खण्डकाव्य बुराई पर अच्छाई की विजय, सत्य पर असत्य की विजय, रावण पर श्रीराम की विजय को सुंदर काव्य रूप में प्रस्तुत करती है। अयोध्या के सुकुमार राजकुमार श्रीराम ‌व लक्ष्मण का जन्म राजमहल में हुआ था व बचपन सेवक-सेविकाओं के बीच सम्पूर्ण सुख-सुविधा के साथ बीता था। माता कैकयी द्वारा महाराज दशरथ से मांगे वचन के कारण श्रीराम को वनवास जाना पड़ा। चौदह वर्षों तक अरण्य में वास को उन्होंने सहजता से स्वीकारा।वनवास के दौरान उन्हें असंख्य कष्टों को झेलना पड़ा।रावण पर विजय से वे प्रसन्न नहीं थे, परन्तु अन्याय का विरोध व दमन आवश्यक था। उन्होंने समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया इसलिए वे पुरुषोत्तम कहलाये। यह यात्रा, जो सम्पूर्ण जगत को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है का नाम ' विजय यात्रा ' है।


Product Details

BN ID: 2940166053435
Publisher: One Point Six Technologies Pvt Ltd
Publication date: 04/11/2023
Sold by: Smashwords
Format: eBook
File size: 1 MB
Language: Hindi

About the Author

कवि रसायनशास्त्र विषय के समर्पित प्राध्यापक हैं जिन्होंने अपने जीवन के 43 वर्ष अध्यापन कार्य में लगाए हैं। बचपन से ही सृजनशीलता का गुण इन्हें विरासत में मिला है। कला की विभिन्न विधाओं में इनकी अभिरुचि है। ड्राइंग, पेंटिंग, कबाड़ से सुंदर आकृतियां बनाना व पत्थरों से विभिन्न कलात्मक वस्तुएं बनाना इनका शौक है। समसामयिक व सामाजिक विषयों पर इनकी लेखनी ने काव्य रचनायें की हैं। अपनी सेवानिवृति के पश्चात ये अपना समय और काव्य सृजन में व्यतीत करने की इच्छा रखते हैं। विजय यात्रा इनका पहला प्रकाशित खण्डकाव्य है।

From the B&N Reads Blog

Customer Reviews